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बेल खाने के फायदे | bael fruit in hindi
जानिए बेल खाने के फायदे – bael fruit in hindi – बेल एक प्रकार का फल है जिसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र फल माना जाता है। इसकी पत्तियाँ श्री शंकर भगवान को चढ़ायी जाती है। यह एक गोलाकार फल है जिसका व्यास २-५ इंच के बीच होता है। इसका बाहरी हिस्सा हरे रंग का लकड़ी की तरह कठोर होता है। जो पकने के बाद नारंगी हो जाता है। इसके अंदर का मुलायम और चिपचिपा गूदा प्रयोग में लाया जाता है। गूदे में कई सारे रेशे और सफेद रंग के बीज होते है।
बेल के पके हुए फल का गूदा को पानी में घोलकर रस बनाया जाता है। और उसी रस को छानकर पीने में इस्तेमाल किया जाता है। बेल को अंग्रेजी में Bael कहते है। इसका वैज्ञानिक नाम Aegle marmelos है। बेल के फल में विटामिन-B, विटामिन-C, प्रोटीन, ऊर्जा, आयरन, फैट, शुगर, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस इत्यादि जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते है।

बेल के फल के प्रयोग से होने वाले फायदे
- बेल का फल (bael fruit) आयरन और ज़िंक युक्त होता है। अतः इसके सेवन से बाल झड़ने की समस्या कम होती है।
- कच्चे बेल के फल (bael fruit) के गूदे को खाने से रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती है।
- बेल का फल शरीर में रक्त निर्माण की क्रिया को बढ़ावा देता है।
- पेट के ख़राब होने और डायरिया जैसी समस्या राहत पाने के लिए भी बेल का फल काफी अच्छा होता है।
- बेल के फल (bael fruit) का सेवन करने से पेट का पाचन सही रहता है।
- बेल का फल (bael) बवासीर के लक्षण को कम करता है और इस बीमारी में होने वाले दर्द से राहत देता है।
- ह्रदय के स्वास्थ के लिए बेल के फल (bael fruit) का प्रयोग काफी फायदा करता है।
- बेल का फल से बना रस पीने से शरीर में दिन भर ऊर्जा बनी रहती है।
- बेल के फल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी के गुण होते है जो शरीर के किसी हिस्से में हुये सूजन को कम करने में सहायक होते है।
- बेल के फल (bael fruit) को खाने से बालों की रुसी की समस्या कम होती है।
- बेल के फल के सेवन से टीबी रोग के लक्षण को कम करने में सहायता मिलती है।
- कान दर्द को दूर करने के लिए बेल (bael) के पेड़ की जड़ को लेकर उसे अच्छे से साफ़ करले फिर उसको सरसों या तिल के तेल में डालकर गरम कर ले। और उस गरम तेल को छानकर अलग करले और हल्का ठंडा होने पर उसे कान में डाल ले जिससे कान के दर्द से राहत मिल जाएगी।
बेल फल का शरबत
बेल के फल के प्रयोग से होने वाले नुकसान
- बेल के फल (bael fruit) में फास्फोरस की मात्रा होती है। इसलिए इसका अत्यधिक प्रयोग गुर्दे की बीमारी वाले लोगों को कम करना चाहिए।
- पके हुए बेल (bael) का फल चीनी युक्त होता है इसलिए इसका प्रयोग मधुमेह के रोगियों को नहीं करना चाहिए।
- बेल (bael) कैल्शियम युक्त होता है और इसके अत्यधिक प्रयोग से यह किडनी के लिए नुकसान का कारण बन सकता है।
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