Diet
चिलगोजा के फायदे और नुकसान
चिलगोजा के फायदे- देवदार नाम के पेड़ के फल के बीजों को चिलगोजा कहते है। इसका प्रयोग सूखे मेवे के रूप में खाने के लिए किया जाता है। चिलगोजा सूखे फल (ड्राई फ्रूट्स) में सबसे महंगा फल है जो करीब 10,000 रु प्रति किलो तक मिलता है। चिलगोजा को अंग्रेजी में Pine nuts कहते है। इसका वैज्ञानिक नाम Pinus gerardiana है।
चिलगोजे में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, सोडियम और नियासिन जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते है। चिलगोजा अत्यधिक स्वादिष्ट और बहुत ही गुणकारी होता है। यह शरीर को स्वथ्य और मजबूत बनाने के साथ कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है। इस लेख में हम इसके खाने के तरीके और उससे होने वाले लाभ के बारे में जानेंगे।
चिलगोजा के फायदे

मधुमेह के लक्षण को कम करे चिलगोजा
चिलगोजा खाने से मधुमेह बीमारी के कारण शरीर को होने वाला नुकसान काफी हद तक कम हो जाता है। चिलगोजा रक्त संचार को सही करता है और शरीर को मजबूत बनाता है। मधुमेह बीमारी के बाद भी शरीर में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आने देता है।
त्वचा के लिए चिलगोजा
चिलगोजा में मौजूद विटमिन-C त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है और चेहरे पर निखार लाता है। इसमें एंटी एजिंग का गुण होता है जिससे चेहरे पर कसाव आता है और हम ज्यादा दिन तक जवान दिखते है। चिलगोजा में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे त्वचा को नुकसान होने का डर कम हो जाता है।
आँखों के लिए चिलगोजा
चिलगोजा का सेवन हमारी आँखों के हित के लिए बहुत लाभकारी होता है। चिलगोजा खाने से रात में सही से न दिखाई देने वाली बीमारी कम होने लगती है। हमारी आँखो की एक बीमारी जिसमे हम रंगो को सही तरीके से नहीं पहचान पाते है उसमे यह मदद करता है। और आँखों की रोशनी को बढ़ाता है।
हड्डियों लिए चिलगोजा
चिलगोजा कैल्शियम और फैटी एसिड युक्त होता है जिससे हड्डियाँ मजबूत होती है और उनका विकास बढ़ जाता है। चिलगोजा खाने से इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व हड्डियों के दर्द जैसे- कमर दर्द और जोड़ो के दर्द जैसी समस्या को कम कर देते है। इसके साथ चिलगोजा हड्डी विकास और मजबूती में बहुत लाभदायक होता है।
रोग रातिरोधक क्षमता के लिए चिलगोजा
चिलगोजा के नियमित सेवन से हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। हमें मौसम की वजह से होने वाली किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं रहता है। अगर शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार इत्यादि रोग बहुत कम होते है।
गर्भवती महिला और बच्चे के लिए चिलगोजा
चिलगोजा का सेवन कोई गर्भवती महिला करती है तो यह उसके पेट में पल रहे बच्चे के मानसिक और शरीरीरिक विकास के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। चिलगोजा माँ के शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है और उनको थकान तथा कमजोरी से दूर रखता है।
वजन नियंत्रित करने में सहायक चिलगोजा
चिलगोजा बेवजह या बार-बार भूख लगने की बीमारी को कम करता है जिससे वजन बढ़ने की समस्या कम हो जाती है। हम सभी को पता है की वजन बढ़ने पर कई तरह की समस्या होने लगाती है और इसी समस्या को चिलगोजा दूर करने में हमारी मदद करता है।
प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक चिलगोजा
चिलगोजा का प्रयोग पुरुषों की नपुंसकता को दूर कर उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में किया जाता है। बहुत पुराने समय से ही इस बीमारी को दूर करने की लिए चिलगोजा का प्रयोग किया जाता रहा है। आधुनिक समय में यह समस्या आम हो गयी है इसका मुख्य कारण अस्वथ खान-पान है। चिलगोजा शरीर में हुए पौष्टिक तत्वों की कमी को दूर करके इस प्रकार की समस्या और यौन दुर्बलता को दूर करता है।
खांसी के लिए चिलगोजा
खांसी और दमा जैसी समस्या होने पर चिलगोजा फायदेमंद होता है। चिलगोजा के ऊपर का छिलका हटाकर उसे पीस कर चूरन बना ले, फिर उसमे शहद मिलाकर पेस्ट तैयार कर ले। बनाये गए पेस्ट को एक चम्मच ले और उसे मुँह में रखकर चुभलाये। ऐसा दिन में चार-पांच बार करे जिससे आपको जल्द राहत मिलने लगेगा।
दिमाग के लिए चिलगोजा
चिलगोजा दिमाग से सम्बंधित समस्या जैसे- कम याददाश्त, मन एकाग्र न होना , हमेशा तनाव आना, दिमाग धीरे काम करना और सही से नींद न आना इत्यादि समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके साथ यह दिमाग को स्वथ्य बना कर उसकी कार्य क्षमता को बढ़ा देता है।
चिलगोजा के नुकसान
- चिलगोजा को एक बार में कम मात्रा में खाये क्योकि यह देरी से पचता है।
- चिलगोजा ज्यादा खाने से पेट की समस्या हो सकती है।
- कोशिश करे की चिलगोजा को उसका छिलका उतारकर ही खाये।
- चिलगोजा का चूर्ण बनाकर खाने से उसका भरपूर लाभ मिलता है लेकिन एक दिन में 5-6 ग्राम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।