मधुमेह या शुगर के लक्षण,कारण,प्रकार और घरेलु उपचार (डायबिटीज) diabetes symptoms and fasting blood sugar treatment जानने के लिए पढ़िए यह लेख। ब्लड
शुगर लेवल कंट्रोल करने का तरीका, डायबिटीज में क्या खाये और क्या न खाये, इस रोग से कैसे बचा जा सकता है जानिए पूरी जानकारी|
शुगर(डायबिटीज,मधुमेह) क्या है-What is diabetes?
मधुमेह एक पुरानी बीमारी है जो या तो तब होती है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर प्रभावी रूप से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर सकता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। मधुमेह मेलेटस बीमारियों के एक समूह को संदर्भित करता है जो प्रभावित करता है कि आपका शरीर रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का उपयोग कैसे करता है। ग्लूकोज आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो आपकी मांसपेशियों और ऊतकों को बनाता है। यह आपके मस्तिष्क के ईंधन का मुख्य स्रोत भी है।डायबिटीज बहुत ही घातक बीमारी होती है इसमें शरीर के हर हिस्से को धीरे धीरे बर्बाद करने की क्षमता होती है डायबिटीज की वजह से शरीर में तरह-तरह की बीमारियां पैदा हो जाती है जिसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है|
शुगर(डायबिटीज,मधुमेह) के प्रकार-Types of diabetes
टाइप-1
टाइप 1 डायबिटीज (शुगर) में प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) अग्नाशय में मौजूद उन कोशिकाओं को खत्म कर देती है जो इंसुलिन बनाती है इस तरह के मधुमेह में मरीज को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं ताकि शरीर में इंसुलिन की मात्रा सही तरीके से बनी रहे इस तरह की डायबिटीज (diabetes) बच्चों और युवाओं में ज्यादातर पाई जाती है|
टाइप-2
इस तरह की डायबिटीज (diabetes) में शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाती है इस तरह की डायबिटीज ज्यादातर बुजुर्ग वर्ग में होती है|
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज (diabetes) में मुख्य रूप से यही अंतर होता है कि टाइप-1 में इंसुलिन की मात्रा होती नहीं है और टाइप-2 में शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाती है|
गर्भावधि मधुमेह-Gestational diabetes
इस तरह की डायबिटीज गर्भावस्था के दौरान होती है जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है इस दौरान गर्भवती महिलाओं को टाइप-2 डायबिटीज (diabetes) होने का खतरा ज्यादा रहता है|उचित आहार के माध्यम से इस बीमारी को रोका जा सकता है।ज्यादातर मामलों में डिलीवरी के बाद यह बीमारी ठीक हो जाती हैं|
इंसुलिन का महत्व-Importance of insulin
हमारे भोजन के एक महत्वपूर्ण भाग में कार्बोहाइड्रेट होता है कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देने वाले भोजन के रूप में माना
जाता है जब हम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं तो वह पेट में जाकर ऊर्जा में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं इस ऊर्जा
को हमारे शरीर में मौजूद लाखों कोशिकाओं के अंदर पहुंचाना होता है ताकि हमारी कोशिका ग्लूकोज को
जलाकर शरीर को ऊर्जा पहुंचाएं यह काम तभी संभव है जब हमारे अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न करें| इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट एवं वसा के चयापचय को नियंत्रित करता है बिना इंसुलिन के ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर सकता है और रक्त वाहिकाओं में एकत्रित हो जाता है ऐसे में शरीर को वह शक्ति नहीं मिल पाती जो उसे चाहिए और व्यक्ति मधुमेह (diabetes-symptoms) से ग्रसित हो जाता है|
डायबिटीज (शुगर,मधुमेह) का परीक्षण-Diabetes test
- फ़ास्टिंग प्लाज़्मा ग्लूकोज़ टेस्ट-Fasting plasma glucose test (fasting blood sugar)
- पोस्टप्रेंडियल ब्लड शुगर टेस्ट (खाने के बाद)-Postprandial blood sugar test (after meals)
- ओरल ग्लूकोज़ टॉलरेंस टेस्ट (ओजीटीटी)-Oral glucose tolerance test
- रैन्डम प्लाज़्मा ग्लूकोज़ टेस्ट-Random plasma glucose test
- एचबीए1सी टेस्ट-HbA1c Test
- फ्रुक्टोज़ामाइन टेस्ट (ग्लाइकेटेड सीरम प्रोटीन या ग्लाइकेटेड एल्ब्यूमिन टेस्ट) -Fructozamine test
शुगर(डायबिटीज,मधुमेह) के लक्षण-Symptoms of diabetes
चेतावनी के संकेत इतने हल्के हो सकते हैं कि आप उन्हें नोटिस नहीं करते हैं। यह विशेष रूप से टाइप 2 मधुमेह के बारे में सच है। कुछ लोगों को यह पता नहीं चलता है कि डायबिटीज नामक बीमारी उनके शरीर में प्रवेश कर चुकी है|डायबिटीज के शुरुआती लक्षण खून और पेशाब में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से संबंधित होते हैं हर किसी को डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों का पता होना जरूरी है इसके कई ऐसे आम से दिखने वाले लक्षण होते हैं जिन पर समय रहते ध्यान देने से इस बीमारी को दूर किया जा सकता है ऐसे ही कुछ डायबिटीज के लक्षण आपको बता रहे हैं|

- वज़न का अचानक से ज़्यादा बढ़ना या कम होना।
- पैरों में सूजन होना और पैरों में झुनझुनी महसूस करना।
- ज़रूरत से ज़्यादा भूख लगना।
- व्यवहार में चिड़चिड़ापन होना।
- लगातार शरीर में थकान या कमज़ोरी महसूस होना।
- त्वचा से जुड़ी तकलीफें होना।
- लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना।
- बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना।
- घाव का जल्दी न भरना।
- गला सूखना या बार-बार प्यास लगना।
- आंखों की रोशनी कमज़ोर होना।
- बार-बार पेशाब लगना।
अगर ऐसा कोई भी लक्षण आपके शरीर में दिखाई दे तो एक बार डायबिटीज की जांच अवश्य करवाएं|
डायबिटीज (शुगर,मधुमेह) जोखिम कारक-Diabetes risk factor
हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली जो सामान्य रूप से खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ती है किसी कारणवश अग्नाशय में मौजूद इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को खत्म करने लगती है इसके कारण शरीर में इंसुलिन बहुत कम मात्रा में बचता है या बचता ही नहीं इससे शुगर कोशिकाओं में जाने की वजाय खून में जमा होने लगती है और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है|
- ज़्यादा तला या बाहर का खाना खाने से बढ़ता हुआ वज़न भी डायबिटीज़ का कारण है।
- अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज़ है, तो आपको भी डायबिटीज़ होने का ख़तरा हो सकता है।
- अगर कोई ह्रदय संबंधी बीमारी है, तो डायबिटीज़ हो सकती है।
- व्यायाम या कोई शारीरिक श्रम ना करना।
- अगर गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ हुई हो या शिशु का वज़न 9 पौंड से ज्यादा हो तो आगे चलकर टाइप-2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
- बढ़ती उम्र से भी डायबिटीज़ हो सकती है।
- ज्यादा मीठा खाने से भी डायबिटीज हो सकती है।
आपको सबसे पहले डायबिटीज होने के कारणों के बारे में पता होने चाहिए ताकि आप इस बीमारी से बच सके।
डायबिटीज (शुगर,मधुमेह) से बचाव -Prevention of diabetes
हम अपने जीवन शैली में थोड़ा सा बदलाव लाकर बड़ी से बड़ी बीमारियों को होने से रोक सकते हैं कहा जाता है बीमारी का इलाज करने से बेहतर है की बीमारी को होने से ही रोक दिया जाए |आजकल के दौर में डायबिटीज नामक बीमारी सबसे तेजी से बढ़ रही है यह बीमारी ना सिर्फ बड़ों को बल्कि बच्चों और युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है यह बीमारी आपको ना हो इसलिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए|
संतुलित आहार खाएं
शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें कई तरह के विटामिन प्रोटीन न्यूट्रीशन आदि चाहिए होते हैं जो कि एक ही भोजन से नहीं मिलती है उसके लिए हमें तरह-तरह के खान-पान पर ध्यान रखना पड़ता है इसलिए हमें रोजाना के खानपान में गेहूं,जौ,करेला,एलोवेरा,गिलोय,हल्दी लहसुन अदरक आदि को शामिल करना चाहिए जिससे शरीर को हर तरह कि प्रोटीन मिल सके|
वजन पर ध्यान दें
भोजन को हमेशा अपने शरीर की लंबाई के हिसाब से रखें क्योंकि जरूरत से ज्यादा वजन कम होने से भी हमारे शरीर में बीमारियां उत्पन्न होती है और वजन जरूरत से ज्यादा हो तब भी हमें कई बीमारियां हो सकती हैं जिसका मुख्य उदाहरण है डायबिटीज|.इसलिए अपना खानपान ऐसा रखें कि आपका वजन सामान्य रहे और शरीर में कोई बीमारी ना हो |
धूम्रपान और शराब पीने से बचें
धूम्रपान और शराब पीने से हमारे शरीर में बहुत बुरा असर पड़ता है इसलिए कोशिश करें कि आप नशे से दूर ही रहे ताकि शरीर में किसी तरह की बीमारी पैदा ना हो|
पर्याप्त नींद लें
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद लेने की जरूरत पड़ती है अत्याधिक नींद और नींद की कमी से भी हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए जरूरत के हिसाब से नींद ले ताकि शरीर में डायबिटीज जैसी कोई बीमारी ना हो|
तनाव से दूर है रहें
मानसिक तनाव होने से हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए कोशिश करें कि तनाव से दूर ही रहे ताकि कोई बीमारी शरीर में ना हो|बीमारियों का मुख्य कारण होता है मानसिक तनाव इससे बचने की कोशिश करें|
डायबिटीज (शुगर,मधुमेह)का आयुर्वेदिक इलाज-Ayurvedic treatment
ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज जैसी भयानक बीमारी अगर किसी को एक बार लग गई तो हमेशा के लिए उसका पीछा नहीं छोड़ती है लेकिन आयुर्वेद और योग के सहारे इस डायबिटीज जैसी भयानक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है|
डायबिटीज के रोगियों के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं जिसका सेवन करने से काफी हद तक डायबिटीज पर काबू पाया जा सकता है|
गिलोय-Giloy
गिलोय घनवटी और मधुनाशिनी वटी सुबह और रात को खाना खाने के बाद 2-2 टेबलेट खाने से डायबिटीज की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है|
जामुन
जामुन की गुठली का पाउडर सुबह खाली पेट और रात को खाने के बाद एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच मिलाकर पियें इसको रोजाना पीने से शुगर की बीमारी जड़ से खत्म हो सकती है|
मेथी दाना
एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी दाना मिलाकर रात भर के लिए छोड़ दें और सुबह उठकर इसका पानी पी जाए और मेथी दाने को चबा चबा कर खाए| ऐसा रोजाना करने से शुगर लेवल कम होता है|
नीम-azadirachta Indica
नीम का रस (निबौता) बहुत मुश्किल से मिलता है अगर यह (निबौता) आपको मिल गया तो डायबिटीज के इलाज के लिए रामबाण साबित होता है|यह नीम के बहुत पुराने पेड़ से अपने आप निकलता है जैसा कि ऊपर चित्र में दिखाया गया है|डायबिटीज के रोगियों के लिए इसका सेवन रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में दो चम्मच नीम का रस (निबौता)मिलाकर पीना चाहिए|
जीरा-cumin
एक गिलास पानी में दो चम्मच जीरा मिलाकर रात भर के लिए छोड़ दें सुबह खाली पेट उसका पानी छानकर पियें | रोजाना जीरे का पानी का सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है|
कलौंजी-Nigella seeds
1.5 कप पानी में 2 से 5 ग्राम कलौंजी के दाने डालकर उसे इतना उबालें कि एक कप पानी रह जाए फिर उसे छानकर पियें रोजाना सुबह खाली पेट इसे पीने से शुगर की बीमारी को काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है|
डायबिटीज के इलाज के लिए ऊपर जो भी घरेलू उपाय बताए गए हैं उनमें से किसी एक का चयन करके आप डायबिटीज की बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं|
डायबिटीज (शुगर,मधुमेह) के लिए योगा
हमें उम्मीद है यह लेख शुगर के लक्षण और इलाज-diabetes symptoms,fasting blood sugar आपको बहुत पसंद आया होगा अगर अभी भी आपको कुछ सवाल पूछना है तो नीचे कमेंट में जरूर लिखें या अपनी राय हमें देना चाहते हैं तो जरूर दीजिए ताकि हम आपके लिए कुछ नया कर सकें और यदि आप इस लेख से संतुष्ट हैं तो अपने दोस्तों को अवश्य शेयर करें चलो बनाए देश को रोग मुक्त धन्यवाद।